जांच एजेंसियों के लिए चुनौती बने 14800 अमेरिकी डॉलर
जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर बांग्लादेशी नागरिक के पास से मिले 14800 यूएस डॉलर (करीब 12.38 लाख रुपये) जांच एजेंसियों के लिए चुनौती बन गए हैं। क्योंकि, अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि रकम को जब्त कौन करेगा या इसे छोड़ने का निर्णय कौन ले सकता है। एयरपोर्ट पर विदेशी मुद्रा पकड़े जाने के बाद आयकर विभाग के साथ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भी सूचना दी गई।
अधिकारियों को लगा कि प्रकरण फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट (फेरा) या फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के तहत हो सकता है। हालांकि, ईडी ने इसे दायरे से बाहर माना। आयकर विभाग ने भी कालाधन होने की गुंजाइश से इन्कार करते हुए रकम नहीं ली। तय किया गया कि यह प्रकरण कस्टम से संबंधित हो सकता है। लिहाजा, राज्य के बाहर से (संभवतः गाजियाबाद) कस्टम की टीम को बुलाया जा रहा है। तब तक के लिए पकड़े गए डॉलर को डोईवाला पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। पुलिस भी यूएस डॉलर को उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद स्वीकार करने को तैयार हुई।
बीती रात आयकर विभाग के सहायक निदेशक आबिद अली ने प्रभारी निरीक्षक डोईवाला को फ़ोन कर सूचना दी कि उन्हें एक बांग्लादेशी नागरिक के विदेशी मुद्रा (US डॉलर) लेकर देहरादून आने के संबंध में गोपनीय जानकारी प्राप्त हुई है। इस सूचना पर प्रभारी निरीक्षक डोईवाला ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चौकी प्रभारी जौलीग्रांट व निरीक्षक सुधीर थापा CISF जौलीग्रांट, आबिद अली सहायक निदेशक व निरीक्षक योगेश पाल (इनकमटैक्स विभाग देहरादून) के साथ एयरपोर्ट पर चेकिंग शुरू की। इस दौरान बांग्लादेशी नागरिक मो. राफसन पुत्र मो. सिराजुल इस्लाम निवासी सिहं बागुरा, चटकिल नौआखाली बंगलादेश के पास से US डॉलर 100-100 के 148 नोट, कुल 14800 US डॉलर बरामद किए गए।
बरामद विदेशी मुद्रा के संबंध में बांग्लादेशी नागरिक ने पूछताछ में बताया कि वह एक रोमन गिफ्ट कंपनी में काम करता है। आज वह सउदी अरब से दिल्ली होते होते हुए जौलीग्रांट एयरपोर्ट आया, जिसके बाद उसे कंपनी की ओर से हैंडीक्राफ्ट आईटम खरीदने के लिए सहारनपुर जाना है। इसी खरीद के लिए वह 15000 US डॉलर साथ लेकर आया था। साथ ही बताया कि अन्य सामान खरीदने के लिए 200 US डॉलर खर्च करने के बाद शेष 14800 US डॉलर बचे हैं।
विदेशी नागरिक के पास यूएस डॉलर को लेकर सभी आवश्यक दस्तावेज थे, लेकिन उसके पास से वह डिक्लेरेशन सर्टिफिकेट नहीं मिला, जिसके आधार पर 5000 यूएस डॉलर से अधिक की मुद्रा रखी जा सकती है। युवक ने बताया कि उसे इसकी जानकारी नहीं थी और उसे पता नहीं था कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नकदी साथ रखने पर सभी वैध दस्तावेजों को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है। इस पूछताछ से बाद आयकर विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया कि पकड़ी गई नकदी कालाधन नहीं है। क्योंकि, विदेशी मुद्रा के सभी स्रोत ज्ञात थे।
ईडी ने भी इस केस में दिलचस्पी नहीं दिखाई। लेकिन, चुनाव के मद्देनजर अधिकारी बिना सभी तकनीकी पहलू के समाधान के विदेशी नागरिक से बरामद मुद्रा को छोड़ने का साहस नहीं जुटा पाए। हालांकि, मौके पर इस केस का पुख्ता समाधान भी नहीं मिला। लिहाजा, तय किया गया कि अब कस्टम विभाग के अधिकारी ही मामले को लेकर कोई निर्णय कर सकते हैं। हालांकि, जानकारों के मुताबिक यह प्रकरण सीधे रूप में कस्टम का भी नहीं है। फिर भी माना जा रहा है कि देश के बाहर से लाई गई वस्तु और उसके मानक से अधिक की बरामदगी को लेकर कस्टम अधिकारी कुछ निर्णय कर सकते हैं।
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