निजी हाथों में सौंपे गए रोडवेज के 19 डिपो, कर्मियों में आंदोलन ले रहा जन्म; सात दिन बाद होगा विस्फोट
लखनऊ। यूपी में रोडवेज बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जा रहा है। अब तक 19 डिपो निजी फर्मों को दिए जा चुके हैं। कर्मचारी संगठन इसे निजीकरण की साजिश मान रहे हैं। इसके खिलाफ सेंट्रल रीजनल वर्कशॉप कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री जसवंत सिंह सभी परिक्षेत्रों का दौरा कर कर्मचारियों से निजीकरण को लेकर उनकी राय ले रहे हैं।
बृहस्पतिवार को चारबाग बस स्टेशन पर एक सील बॉक्स लगाया गया। इसमें कर्मचारी एक प्रोफार्मा पर निजीकरण पर राय दे रहे हैं। 20 दिसंबर को यह बॉक्स खोला जाएगा। इसके बाद निजीकरण को लेकर आंदोलन तेज किया जाएगा। प्रदेश के सभी क्षेत्रों में इस तरह के बॉक्स रखकर कर्मचारियों से उनकी राय ली जा रही है।
जसवंत ने बताया कि निजीकरण से रोडवेज के 55 हजार कर्मचारी प्रभावित होंगे। चारबाग बस स्टेशन पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मंत्री सुभाष चंद्र तिवारी और उद्यान महासंघ के अध्यक्ष अविनाश चंद्र श्रीवास्तव ने बॉक्स को सील किया है।
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