उत्तराखंड पंचायत चुनाव पर हाईकोर्ट की रोक, आरक्षण को लेकर आज होगी सुनवाई
उत्तराखंड। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। 25 जून से नामांकन प्रक्रिया शुरू होनी थी और आचार संहिता भी लागू हो चुकी थी, लेकिन आरक्षण व्यवस्था को लेकर अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) जारी किए बिना आरक्षण लागू कर दिया गया, जिस पर आपत्ति जताई गई।
उत्तराखंड पंचायत संगठन के संयोजक जगत मार्तोलिया ने कहा कि आरक्षण की प्रक्रिया में संविधान की मूल भावना की अनदेखी हुई है। पुराने रोस्टर को हटाकर नया रोस्टर बिना पारदर्शिता के लागू किया गया।
भाकपा माले के प्रदेश सचिव इंद्रेश मैखुरी ने बताया कि पहले अधिकारियों को पंचायतों का प्रशासक नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में निवर्तमान प्रतिनिधियों को ही प्रशासक बना दिया गया, जो पहली बार हुआ है। याचिकाकर्ता मुरारी लाल खंडेवाल ने आरक्षण में दोहरी व्यवस्था और चक्रीय क्रम तोड़ने को हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
पंचायतीराज सचिव चंद्रेश कुमार के अनुसार, आरक्षण से संबंधित अधिसूचना की प्रक्रिया जारी है और शीघ्र न्यायालय में प्रस्तुत की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, यदि हाईकोर्ट से रोक हटती भी है तो आरक्षण को दोबारा नए सिरे से लागू करना पड़ सकता है, क्योंकि जिला प्रशासन के पास इस पर तीन हजार से अधिक आपत्तियां दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें से अधिकांश का समुचित निपटारा नहीं हुआ है।
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