अनशनकारी को जबरन उठाया, बर्गर खिलाकर अनशन तुड़वाया, महिलाओं संग धक्का-मुक्की
हल्द्वानी । हल्द्वानी के बुद्धपार्क में यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण के विरोध में आमरण अनशन पर बैठे उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष भूपेंद्र कोरंगा को सोमवार को पुलिस ने जबरन उठाया। उन्हें एंबुलेंस से सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया, जांच के बाद एक रेस्टोरेंट में बर्गर खिलाकर उनका अनशन तुड़वाया गया और फिर वापस आंदोलन स्थल पर छोड़ दिया गया।
इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। आरोप है कि पुलिस ने युवाओं को घसीटा और महिलाओं के कपड़े फाड़े, जिससे कई महिलाएं और समर्थक चोटिल हो गए। अस्पताल में घायलों का मेडिकल कराया गया।
सुबह 9:30 बजे सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल चौहान और सीओ नितिन लोहनी भूपेंद्र से बातचीत करने पहुंचे थे। डॉक्टरों की टीम ने जांच कर स्वास्थ्य में गिरावट बताई, लेकिन भूपेंद्र मौके पर ही जांच कराने पर अड़े रहे। दोपहर बाद पुलिस बल के साथ अधिकारी पहुंचे और करीब 20 मिनट बातचीत के बाद उन्हें जबरन अस्पताल ले गए।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर फोन छीनने और अभद्रता के आरोप लगाए। महिलाओं ने पुलिस शिकायत प्राधिकरण को शिकायती पत्र सौंपा और दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग की। उनका कहना था कि कई पुलिसकर्मी नाम-पहचान छिपाने के लिए वर्दी पर नेमप्लेट लगाए बिना पहुंचे थे।
भूपेंद्र को उठाने के बाद तीन युवाओं—पीयूष जोशी, हरीश रावत और विनोद कांडपाल—ने आमरण अनशन की कमान संभाली। आंदोलन को समर्थन देने के लिए पीयूष की मां और बहन भी धरना स्थल पर पहुंचीं।
इधर, प्रशासन का कहना है कि भूपेंद्र का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा था, इसलिए जान बचाने के लिए उन्हें उठाना पड़ा। सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल चौहान ने कहा कि चिकित्सकों की रिपोर्ट ओके मिलने के बाद भूपेंद्र को वापस अनशन स्थल पर छोड़ दिया गया।
उधर, भूपेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगें मान ली हैं। सीबीआई जांच की संस्तुति केंद्र को भेजी जा चुकी है और 10 दिन बाद एसआईटी की रिपोर्ट आने पर पेपर रद्द करने का निर्णय लिया जाएगा। मंगलवार को आंदोलन को लेकर अगला निर्णय लिया जाएगा और इसके लिए छात्रों व अभिभावकों से बुद्धपार्क पहुंचने की अपील की गई है।
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