उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के एमडी को हाईकोर्ट से राहत, जनहित याचिका निस्तारित
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पावर कॉरपोरेशन के एमडी अनिल कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर दायर जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता बॉबी पवार को सक्षम न्यायालय में वाद दायर करने की छूट दी है।
मामला क्या था?
बॉबी पवार ने आरोप लगाया था कि अनिल कुमार जब चीफ इंजीनियर थे, तब उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की और भ्रष्टाचार में लिप्त रहे।
इस संबंध में 1 मई 2018 को एक आंतरिक समिति बनाई गई थी, जिसने उन्हें दोषी ठहराया था।
कोर्ट में क्या हुआ?
- बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि आंतरिक समिति जांच के लिए सक्षम नहीं थी, और उसने स्वयं कहा था कि यह जांच विजिलेंस से कराई जाए।
- बाद में विजिलेंस विभाग ने जांच को बंद कर दिया था।
- महाधिवक्ता ने यह भी कहा कि यह याचिका जनहित याचिका नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्वार्थ से प्रेरित ‘पैसा वसूल’ याचिका है।
कोर्ट का फैसला:
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका को निस्तारित करते हुए याचिकाकर्ता को उचित न्यायालय में जाने की छूट दी।
इस फैसले से अनिल कुमार को फिलहाल कानूनी राहत मिल गई है।
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