उत्तराखंड बना ऐतिहासिक बदलाव का साक्षी
देहरादून। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण में क्रांतिकारी बदलाव देखा जा रहा है। अब तक दो लाख से अधिक विवाह पंजीकरण हो चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे “ऐतिहासिक बदलाव” बताते हुए कहा कि राज्य पारदर्शी और सरल प्रशासन की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
🔷 मुख्य बातें:
- अब तक 2 लाख+ विवाह पंजीकरण
- पंजीकरण प्रक्रिया सरल और पारदर्शी
- 26 जुलाई 2025 तक पंजीकरण निःशुल्क
- मुख्यमंत्री धामी ने जनता की सहभागिता को सराहा
🗣️ सीएम धामी ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने कहा,
“उत्तराखंड ऐतिहासिक बदलाव का साक्षी बन रहा है। यह देवभूमि की देवतुल्य जनता के विश्वास और सहभागिता का प्रमाण है।”
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि
“अपने विवाह का ऑनलाइन पंजीकरण अवश्य करवाएं। यह न्यायपूर्ण समाज की ओर एक कदम है।”
📋 UCC लागू होने के बाद क्या बदला?
- विवाह पंजीकरण अब सभी नागरिकों के लिए अनिवार्य
- ऑनलाइन प्रक्रिया के ज़रिये आम जनता को अधिक सुविधा
- सामाजिक समानता, पारदर्शिता और वैधानिक सुरक्षा में सुधार
पंजीकरण शुल्क माफ:
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को ध्यान में रखते हुए
- 26 जुलाई 2025 तक शुल्क पूरी तरह माफ
- इससे हर वर्ग के नागरिक को लाभ मिल रहा है
📢 निष्कर्ष:
उत्तराखंड में UCC के तहत हो रहे विवाह पंजीकरण न केवल कानूनी व्यवस्था में सुधार का प्रतीक हैं, बल्कि यह दर्शाते हैं कि राज्य अब सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है।
सीएम धामी की पहल ने विवाह को केवल एक संस्कार नहीं, बल्कि एक कानूनी अधिकार के रूप में पहचान दिलाने की दिशा में अहम कदम उठाया है।
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