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शातिर बाघ…पहले हाथी को झुंड से अलग किया, फिर जंगल में चार दिन तक भूखा-प्यासा दौड़ाया; ऐसे ले ली जान

शातिर बाघ…पहले हाथी को झुंड से अलग किया, फिर जंगल में चार दिन तक भूखा-प्यासा दौड़ाया; ऐसे ले ली जान

रामनगर/ नैनीताल। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के बिजरानी जोन में बाघ ने हाथी को पहले उसके झुंड से अलग किया, फिर चार दिन तक जंगल में भूखा-प्यासा दौड़ाता रहा। हाथी बेसुध होकर गिरा तो बाघ ने उसकी जान ले ली।

शनिवार को बिजरानी रेंज में करीब 20 वर्षीय नर हाथी (टस्कर) का शव वन कर्मियों को सफारी वाले रास्ते पर दिखा। अधिकारियों ने बताया कि बाघ ने सबसे पहले हाथी के पैर पर हमला किया है। इससे हाथी झुंड से अलग हो गया और बाघ को शिकार का मौका मिल गया। जंगल में कई जगहों पर थककर चूर हो चुके हाथी पर बाघ बार-बार हमला कर रहा था। उससे बचने के लिए हाथी जान बचाने के लिए जंगल में इधर-उधर दौड़ रहा था। दोनों की गतिविधियों पर वन कर्मियों की नजर थी।

राहुल मिश्रा उपनिदेशक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व हाथी के खून के धब्बे मिले हैं। डॉ. दुष्यंत शर्मा और डॉ. राजीव कुमार ने पोस्टमार्टम किया। वन्यजीव विशेषज्ञ एजी अंसारी ने बताया कि आठ साल पहले ढिकाला में बाघ ने हाथी को मारकर खा लिया था। तब भी इसी तरह उसे मारा था।

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