40 मिनट के भाषण में जमकर बरसे खरगे, स्थानीय मुद्दों को दी धार
देहरादून। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे 40 मिनट के अपने भाषण में राष्ट्रीय के साथ ही स्थानीय मुद्दों को नई धार दे गए। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे जनता तक इन मुद्दों को पहुंचाएं। उन्हें समझाएं कि ऐसी सरकार को सत्ता से बाहर निकालना होगा। वरना उनका जुल्म ऐसे ही चलता रहेगा। अंकिता जैसी बेटियां ऐसे ही शिकार होती रहेंगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दोपहर 3:05 बजे अपने भाषण की शुरुआत की। भाजपा की मोदी सरकार के साथ ही उन्होंने पांचों लोकसभा के मद्देनजर राज्य की धामी सरकार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने स्थानीय मुद्दों के आधार पर आह्वान किया कि ऐसी सरकार को सत्ता से बाहर निकालना होगा। उन्होंने अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, उसकी हत्या करने वालों को भाजपाई बगल में लिए घूमते हैं।
कहा, ऐसी न जाने कितनी हत्याएं हुई हैं। किसे मालूम। उन्होंने जोशीमठ भू-धंसाव पर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। कहा, जो घर गिर गए, उनको बीजेपी ने नहीं देखा। उस हादसे में भी बीजेपी ने जनता की मदद नहीं की। ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या करना चाहिए? इसका उपाय और सोच उनके पास नहीं है। कहा, प्रदेश कांग्रेस लगातार इन मुद्दों को उठाती आ रही है। खरगे ने मंच से सभी कार्यकर्ताओं के बीच इन मुद्दों पर आगामी चुनाव में उतरने की सीख दी।
खरगे ने कहा, सरकार नौजवानों को ठगने के लिए अग्निवीर योजना लाई। इस योजना में चार साल तक अग्निवीर बनाया जाएगा, लेकिन इसके बाद उसका क्या होगा? क्या वो रास्ते पर घूमेगा? उसे भर्ती क्यों नहीं करेंगे? जिन युवाओं ने पहले की भर्ती प्रक्रिया में तैयारी की थी, वो अग्निवीर योजना के चलते सड़क पर संघर्ष करने पर मजबूर हैं। दूसरी भर्तियों की उम्र निकल रही है। खरगे ने कार्यकर्ताओं को अग्निवीर भर्ती मुद्दे से जोड़ते हुए कहा, उत्तराखंड के लोग हिम्मत वाले हैं, जो हिमालय की गोद में रहकर पूरे देश की रक्षा करते हैं। यहां के लोग देश की रक्षा को अपने प्राणों की आहुति दे देते हैं, लेकिन आज कल पीएम मोदी देश को बचाने का क्रेडिट भी उत्तराखंड के बदले, खुद को ही दे रहे हैं।
खरगे ने अपने भाषण में बेरोजगारी के मुद्दे को कई विभागों में खाली पड़े पदों पर भर्ती से जोड़कर उठाया। कहा, सरकारी विभागों में आज 30 लाख रिक्तियां हैं, लेकिन हर साल दो करोड़ को रोजगार देने का वादा करने वाली सरकार भर्तियां नहीं निकाल रही। आरोप लगाया, यूजीसी के ताजा नोटिफिकेशन के हिसाब से अब विश्वविद्यालयों में आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। जो मोदी की मेरिट में आएगा, उसे ही नौकरी मिलेगी।
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