मोबाइल के तोड़े गए लॉक ने लॉकअप तक पहुंचाया, आरोपी ने फोन पर लगाया था अपना सिम; जानें मामला
चंदन बंगारी। रुद्रपुर में एक निजी अस्पताल की नर्स की दुष्कर्म कर हत्या करने का आरोपी लूटे मोबाइल के लालच में पुलिस के हत्थे चढ़ गया। हत्यारोपी ने मृतका का फोन का लॉक तुड़वाकर उसमें अपना सिम लगाकर पत्नी को कॉल की थी। उसने तो अपना सिम निकाल लिया लेकिन पुलिस को उसकी पत्नी का नंबर मिल चुका था। पत्नी की मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस ने उसे जोधपुर से गिरफ्तार कर लॉकअप में डाल दिया।
हत्यारोपी ने लूट के मोबाइल पर अपना सिम डालकर पत्नी को कॉल की थी और उसके बाद मोबाइल को फेंक दिया था। पुलिस पत्नी के मोबाइल नंबर की लोकेशन के आधार पर जोधपुर में छिपे हत्यारोपी को पकड़ लिया। पुलिस के अनुसार धर्मेंद्र ने नर्स को पहले से नहीं जानता था। अकेला देखकर उसने पहले महिला को हवस का शिकार बनाया और फिर हत्या कर मोबाइल व तीन हजार रुपये लेकर वह बरेली के लिए निकल गया था। 31 जुलाई रात उसने मोबाइल का लॉक तुड़वाने के बाद अपना सिम लगाया और सिर्फ एक कॉल अपनी पत्नी खुशबू को की थी। जिस नंबर से कॉल की थी वो खुशबू के नाम से लिया गया था और जिस नंबर पर कॉल की गई थी, वो भी खुशबू के नाम पर पंजीकृत था।
आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए उसने अपना सिम निकालकर मोबाइल फेंक दिया। पुलिस खुशबू को तलाशते हुए उसके घर ग्राम तुरसापट्टी बरेली पहुंची लेकिन तब तक धर्मेंद्र अपने पत्नी को लेकर वहां से जा चुका था। धर्मेंद्र का नंबर तो बंद आ रहा था लेकिन खुशबू का मोबाइल चल रहा था। खुशबू के मोबाइल की लोकेशन जोधपुर में मिली थी। इस पर टीम 12 अगस्त को जोधपुर पहुंची थी और जोधपुर पश्चिम स्थित औद्योगिक क्षेत्र बासनी की खाक छानी थी। पुलिस को पता चला कि धर्मेंद्र परिवार सहित कुछ दिन पहले ही यहां आया है। इसके बाद पुलिस ने धर्मेंद्र और खुशबू को हिरासत में लिया था।
धर्मेंद्र ने पूछताछ में बताया कि वह अपना बैग घटनास्थल वाले मार्ग पर आगे एक निर्माणाधीन जगह के पास रखकर आया था। वारदात को अंजाम देने के बाद वह बैग लेकर पैदल हाईवे तक आया और यहां से बरेली पहुंचा। बरेली में उसने महिला से लूटे मोबाइल में अपना सिम डालकर कॉल की। फिर पकड़े जाने के भय से उसने मोबाइल को लूटा मोबाइल बरेली में कुतुबखाना के पास फेंक दिया। दो दिन बाद कुछ पुलिस वालों के पूछताछ के लिए घर आने की जानकारी के बाद वह पत्नी के साथ जोधपुर चला गया था। वह जोधपुर में पांच साल काम कर चुका था और उसने वहीं से शादी की है। ब्यूरो
हत्यारोपी धर्मेंद्र ने घटना वाले दिन बिलासपुर क्षेत्र के एक व्यक्ति को 500 रुपये में अपनी साइकिल बेच दी थी। हत्यारोपी ने उस व्यक्ति से कहा था कि वह दोगुने रुपये देकर साइकिल ले लेगा। पुलिस साइकिल खरीदने वाले तक भी पहुंची थी और उसने भी फुटेज देखकर हत्यारोपी की पहचान की थी।
हाईवे पर टेंपो से उतरने के बाद नर्स डिबडिबा स्थित घर जाने के लिए निकली। इस दौरान धर्मेंद्र उसे जबरन खाली प्लॉट में ले गया। पहले तो वह घबराई लेकिन फिर उसने खुद को संभालते हुए हिम्मत से आरोपी का सामना किया। हवस में अंधे हुए धर्मेंद्र ने ज्यों ही नर्स से जबरदस्ती करनी शुरू की उसने बचने का खूब प्रयास किया। शुरू में धक्का देने के बाद भागने के प्रयास में जब वह असफल हो गई तो उसने हिम्मत जुटाते हुए आरोपी को चार-पांच तमाचे जड़ दिए।
इससे बौखलाए धर्मेंद्र ने जमीन पर गिराकर उसके सिर को कई बार पटक दिया। इससे महिला पीड़िता असहाय हो गई। रास्ते के अमूमन सुनसान रहने के कारण वहां से ऐसा कोई नहीं गुजरा, जो मदद कर उसे बचा पाता।
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